उस वक़्त आँसू कम था... मेरी आँखो से ज़्यादा मेरा दिल नम था... जो चाहिये था वो सब मिला था... उस वक़्त आँसू कम था... मेरी आँखो से ज़्यादा मेरा दिल नम था... जो चाहिये था वो सब म...
प्रेम, श्रृद्धा, विश्वास बिना- कवि बाबूराम विमल क्या होगा ? प्रेम, श्रृद्धा, विश्वास बिना- कवि बाबूराम विमल क्या होगा ?